THE BASIC PRINCIPLES OF कौन सी वेब सीरीज सबसे अच्छी है

The Basic Principles Of कौन सी वेब सीरीज सबसे अच्छी है

The Basic Principles Of कौन सी वेब सीरीज सबसे अच्छी है

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विजय ने जवाब दिया, “भालू ने मुझे तुम जैसे दोस्तों से दूर रहने के लिए कहा …” और अपने रास्ते पर चला गया।

उनके पीए कैलाश बाबू ने कहा, "जी,इसमें कूलर लगा दिया गया है।" शास्त्री जी ने एक नजर उन्हें देखा और आश्चर्य व्यक्त करते हुए पूछा," कूलर लग गया है? बिना मुझे बताए?..आप लोग कोई काम करने से पहले मुझसे पूछते क्यों नहीं? क्या और सारे लोग जो गाड़ी में चल रहे हैं, उन्हें गर्मी नहीं लगती होगी?" शास्त्री जी ने कहा," कायदा तो यह है कि मुझे भी थर्ड क्लास में चलना चाहिए, लेकिन उतना तो नहीं हो सकता पर जितना हो सकता है, उतना तो करना चाहिए ।"उन्होंने आगे कहा,"बड़ा गलत काम हुआ है, गाड़ी आगे जहाँ भी रुके, पहले कूलर निकलवाइए.

जब बच्चे वर्तनी लिख ही रहे थे की शिक्षक ने देखा की गाँधी जी ने एक शब्द की वर्तनी गलत लिखी है.

इस प्रसंग से सीख – दोस्तों ! मांस वह खाता है जो मांसाहारी होता है और जिसके दांत मांस खाने के लिए बने होते है. जब हम किसी भी जानवर का मांस खाते है तो हम भी कही न कही उस जानवर की मौत के जिम्मेदार होते है.

"लाल बहादुर शास्त्री के प्रेरक प्रसंग"

यहां कुछ और संसाधन दिए गए हैं जो आपको प्रेरणा दे सकते हैं :-

राई के दाने – भगवान बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी

जीवन में, चीजें हमारे आस-पास होती हैं, चीजें हमारे साथ होती हैं, लेकिन केवल एक चीज जो वास्तव में मायने रखती है वह यह है कि आप इस पर प्रतिक्रिया कैसे करते हैं और आप इससे क्या बनाते हैं। जीवन सभी झुकावों को अपनाने, अपनाने और उन सभी संघर्षों को परिवर्तित करने के बारे में है जो हम कुछ सकारात्मक अनुभव करते हैं।

पंचतंत्र की कहानी: संगत का प्रभाव – sangati ka check here asar – Young ones stories

इस प्रसंग से सीख – यह कहानी हमें बताती है की गाँधी जी का ह्रदय कितना विशाल था.

ठीक इसी प्रकार अगर आप किसी बुरे चीज़ में भी सिर्फ अच्छाइयों को देखते हो उस अच्छाइयों को बारें में चिंतन करते हो तब आपमें उस अच्छाई का कुछ अंश समाहित हो जाता है। 

गाँधी जी ने अपने जीवन में कभी भी मांस को हाथ नहीं लगाया. किन्तु एक बार उन्होंने मांस का सेवन किया था. जब गाँधी जी ने मांस खा लिया उस रात को गाँधी जी को पूरी रात अपने पेट में बकरे की बोलने की आवाज महसूस हुई.

“I commenced off generating cakes for my Children and promptly recognized that baking provided me having a Innovative outlet that had been missing from my do the job in human means. I began posting photographs of my work on Facebook and soon designed a big next. Good friends and pals of good friends begun asking me to make cakes for them, so I figured I ought to give this a shot as a company!

पंचतंत्र की कहानी: मूर्ख गधा और शेर

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